बागेश्वर। ब्लॉक के मनरेगा की रोजगार सेवक ने जांच के नाम पर कुछ लोगों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर बेमियादी क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। यहां हुई सभा में उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा वह चुप नहीं बैठेंगी। उत्पीड़न करने वालों को वह सजा दिलाकर ही दम लेंगी। रोजगार सेवक माया कुमल्टा ने डीएम को पूर्व में पत्र भेजा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वह 2013 से शामा क्षेत्र में कार्य कर रही है। यहां सभी योजनाओं के निर्माण कार्य को खुद जाकर देखती थी।
गत वर्ष 23 सितंबर को ब्लॉक में मनारेगा कार्य में पारदर्शिता लाने को लेकर एक शिकायती पत्र आया। इसके बाद पूरे ब्लॉक में कहीं जांच नहीं हुई सिर्फ शामा न्याय पंचायत की जांच हुई। अधिकारियों के जांच न होकर सिर्फ उनके कार्यों की जांच हुई। इसमें भी 90 प्रतिशत ग्राम प्रधानों ने जांच को निराधार बताया। उन्होंने अपना पक्ष रखने के लिए भी ब्लॉक को पत्र लिखा, लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनीं। उन्होंने कहा जांच के नाम पर उनका मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप भी लगाया। डीएम से मामले की जांच करने की मांग की है। जांच नहीं होने पर 16 नवंबर से तहसील मुख्यालय में धरना देने तथा आमरण अनशन की चेतावनी दी थी। इस मामले में डीएम ने भी कोई पहल नहीं की। इससे क्षुब्ध होकर माया ने गुरुवार को तहसील परिसर कपकोट में अपना क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। उनके समर्थन में बड़ेत के उप प्रधान नरेंद्र सिंह भी अनशन पर बैठ गए हैं।