देहरादून। दून अस्पताल की इमरजेंसी, वार्डों, ओपीडी का सिस्टम सुधारने को अस्पताल में 16 विशेष अधिकारी नामित किए गए हैं। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के आदेश पर एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल, डीएमएस डॉ. धनंजय डोभाल ने एसोसिएट प्रोफेसर स्तर के डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर बना दिया है। इन डे ऑफिसर की जिम्मेदारी होगी कि वह अस्पताल का रोजाना निरीक्षण कर इमरजेंसी में एक रजिस्टर में यहां समस्या, सुझाव, शिकायत के बारे में उल्लेख करेंगे। इमरजेंसी से ईएमओ उनकी रिपोर्ट को तीनों अधिकारियों को भेजेंगे। जिसका तत्काल समाधान कराने का लक्ष्य रखा गया है। एक सितंबर यानि शुक्रवार से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। वार्डों में तमाम अव्यवस्थाओं की पोल नर्सिंग स्टाफ ने खोली थी, प्रशासनिक अनुभाग पर उनकी एक नहीं सुनने के आरोप लगाए थे। वहीं, कई कर्मचारियों द्वारा एमएस और डीएमएस को बिना बताए गायब रहने से भी अस्पताल की व्यवस्थाएं बिगड़ी है और कई कार्य अधर में लटके हैं।
यह देखेंगे डे ऑफिसर: प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने डे ऑफिसरों को सफाई व्यवस्था, खाने का वितरण, डॉक्टरों के राउंड, नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी, मरीजों को दवा, उपचार, वार्ड में किसी तरह की दिक्कत, सुरक्षाकर्मी की उपस्थिति, तीमारदारों का फीडबैक, लैब में कार्य आदि की जानकारी को निर्देशित किया है। प्राचार्य तक वार्डों में तमाम कार्य पेंडिंग होने, डॉक्टरों के राउंड न करने एवं नर्सिंग अधिकारियों के गैर हाजिर रहने की शिकायतें पहुंचने पर यह कदम उठाया गया है।
सुधार को कड़े कदम उठाने के निर्देश
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुधार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कड़े कदम उठाने को निर्देशित किया है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कॉलेज एवं अस्पताल से जुड़े कई अफसरों को बुलाकर समस्याओं और मिली रही शिकायतों पर चर्चा की। मंत्री ने अस्पताल के कई कार्यों को सराहा, तो कई पर चिंता भी जाहिर की। उन्होंने कॉलेज स्तर पर ही सफाई, निर्माण, मरम्मत, मरीजों के उपचार आदि में आने वाली शिकायतों पर कठोर कदम उठाने एवं कार्रवाई को कहा।
डॉ. अग्रवाल टीबी एसटीएफ के चैयरमेन नामित: दून अस्पताल के एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल को टीबी के खात्मे को प्रदेश में बनी स्पेशल टास्क फोर्स के चैयरमेन नामित किए गए हैं। उनका कार्यकाल अगले साल एक अप्रैल से शुरू होगा। अभी एम्स ऋषिकेश के प्रोफेसर डॉ. प्रदीप अग्रवाल चैयरमेन थे। दून मेडिकल कॉलेज में हुई एसटीएफ की बैठक में यह फैसला लिया गया है। मेडिकल कॉलेज की ही डॉ. ऋचा सिन्हा को कॉर्डिनेटर बनाया गया है। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने दोनों को बधाई दी है। टीबी के खात्मे को जिसका जो योगदान है, बैठक में चर्चा की गई है। मेडिकल कॉलेज के स्तर पर डाइग्नोस, ट्रीटमेंट और रिसर्च का कार्य बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। रिसर्च को बढ़ाने की बात कही गई है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि एमडीआर यूनिट दून अस्पताल में जल्द शुरू की जाएगी। छोटे मोटे कार्य बचे हैं। स्टाफ की व्यवस्था की जा रही है। प्राचार्य के निर्देशन में जल्द शुरू होने से गंभीर मरीजों को इलाज मिलेगा।