विकास और विरासत का बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र सबसे उत्तम उदाहरणः केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा

देहरादून। भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा भी इस समय पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच में जाकर खूब मेहनत कर रहे हैं। उनका लंबा राजनीतिक अनुभव बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव में कार्यकर्ताओं को जोश से भर दे रहा है। बद्रीनाथ विधानसभा में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि वह डबल इंजन सरकार की लोक कल्याणकारी नीतियों से जनता को परिचित कार रहे हैं। उन्होंने जनता के बीच में जाकर तमाम वह काम जिससे बद्रीनाथ विधानसभा के अंतिम गांव नीति-माणा में जो कभी सरकार की नजरों में नहीं रहे वहां तक विकास की किरण आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में पहुंची है। बद्रीनाथ विधानसभा अपने आप में सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने बताया कि मोदी जी ने आज चीन बॉर्डर तक सड़कों का जाल बिछा दिया है। आज बद्रीनाथ विधानसभा के चीन बॉर्डर से लगाते हुए सभी गांव तक सड़कों से जोड़ दिया है। यह देश की सुरक्षा के साथ-साथ विकास के नए द्वार खोल रहा है। यह जबकि कांग्रेस ने इस क्षेत्र को कभी भी महत्वपूर्ण नहीं समझा और यहां के लोगों के जीवन में परिवर्तन आए इस और कभी ध्यान नहीं दिया। जबकि यह देश की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। 21 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री मोदी जब बद्रीविशाल जी के दर्शन करने को आए तब उन्होंने माणा गांव में रहकर यहां के क्षेत्र की समस्याओं और यहां के क्षेत्र की आवश्यकताओं के संबंध में उच्च अधिकारियों के साथ बैठकर कर यहां के विकास और सुरक्षा का खाका खींचा था। और यही से उन्होंने 3400 करोड़ की विकास की योजनाओं का भी शिलान्यास किया था। भाजपा सदैव आम जनमानस की जीवन कैसे लाभ हो सरकार की योजनाओं से कैसे लाभ हो उसके लिए निरंतर काम कर रही है।

अजय टम्टा ने प्रेस वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी का उत्तराखंड से विशेष स्नेह और लगाव है। उत्तराखंड के विकास के लिए वह निरंतर कुछ नया करते रहते हैं। उत्तराखंड के चारधाम इसका जीता जागता उदाहरण है। चारों धामों के लिए ऑल वेदर का निर्माण करना हो। मां यमुनोत्री के लिए रोपवे की अनुमति देना हो, बाबा केदारनाथ धाम के लिए रोपवे का निर्माण करना हो, हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे की स्वीकृति देना हो और बद्रीनाथ विधानसभा में बद्री विशाल धाम के लिए मास्टर प्लान के तहत तेज गति से हो रहे कार्यों के लिए वह निरंतर उत्तराखंड सरकार के संपर्क में रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में बद्रीनाथ और केदारनाथ में पुनर्निमाण का कार्य तेजी से चल रहा है। दिसंबर 2024 तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन की दिशा में निरंतर यहां पर बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है जिससे यहां के स्थानीय निवासियों और उत्तराखंड सरकार को आर्थिक रूप से बहुत बड़े स्तर पर लाभ हो रहा है।  यह राज्य के विकास के लिए बहुत बड़े शुभ संकेत है।

अजय टम्टा ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कों का विकास, टिकाऊ सड़कों के विकास सहित सड़कों की गुणवत्ता, सड़क संचालन और रखरखाव जैसे कई मुद्दों सड़क एवं परिवहन मंत्रालय गहनता से कम कर रहा है। आज जिस प्रकार से भारत में सड़कों का जाल बिछ है और सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूर्ण कर रहा है वह पूरे विश्व में भारत के सड़कों के विकास को लेकर चर्चा का विषय है। आज उत्तराखंड में किसी भी क्षेत्र को देखिए वह तेज गति से सड़क मार्ग से जुड़ रहा है ऐसा तब हो रहा है जब केंद्र और राज्य में समान विचारों की सरकार है। पिछले 10 वर्षों में देश में 90,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों और 30,000 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण कर दिया जाता है। अजय टम्टा ने बताया कि बद्रीनाथ के आस-पास के क्षेत्रों को भी मॉडल रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। देश की सीमा के आखिरी गांव माणा गांव और उसके पड़ोस के क्षेत्रों को रूरल टूरिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जा रहा। यहां लोकल कल्चर और लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा देकर इकोनॉमी का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है। केंद्र की मोदी सरकार ने सीमाओं पर रहने वाले उत्तराखंड के 51 गांव को वाइब्रेट विलेज योजना के तहत विकास की दृष्टि से लिया है। इसमें प्रमुख रूप से विकास की योजनाओं पर काम होना है। उसमें सड़कों का निर्माण, स्वास्थ्य व्यवस्था, पोस्ट ऑफिस बैंक और तमाम वह कार्य होने हैं जो आज के युग में आवश्यक है।

अजय टम्टा ने कहा कि बद्रीनाथ की जनता से भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र सिंह भण्डारी को उपचुनाव में जिताकर क्षेत्र के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। 

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