देहरादून। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सहकारिता विभाग के नए सचिव दिलीप जावलकर की मौजूदगी में सभी शीर्ष सहकारी संस्थाओं की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि सहकारी समितियों के ग्राम स्तर के कार्यों में तेजी लाई जाय और चल रही योजनाओं का निरीक्षण एवं प्रभावी ढंग से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना निदेशालय में समीक्षा बैठक के दौरान डॉ. रावत ने ग्राम स्तर की सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाने तथा यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि, वे स्थानीय किसानों की जरूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करने में सक्षम हों। उन्होंने सभी शीर्ष सहकारी संस्थाओं को अपने ग्राम स्तर के कार्यों में तेजी लाने तथा चल रही योजनाओं का समयबद्ध एवं कुशल तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने निर्देश दिया कि सहकारी बैंकों में राज्य सरकार का शेयर का प्रावधान करेगी । राज्य सहकारी बैंक में प्रबंध निदेशक प्रोफेशनल एमडी होंगे। एमपैक्स सचिवों की नियमावली कैबिनेट में रखे जाने के निर्देश दिए गएहै।सहकारी बैंकों में ट्रांसफर नीति बनाने पर भी समीक्षा की गई। मंत्री ने नेट बैंकिंग की प्रगति भी जानी। राज्य सहकारी बैंक के एमडी ने बताया कि पिछले साल सहकारी बैंकों का 66 करोड रुपए प्रॉफिट था जबकि इस साल 115 करोड रुपए प्रॉफिट हो गया है। बताया गया कि, राज्य के 52 प्रगतिशील किसानों को पिछले साल गुजरात और हिमाचल का भ्रमण कराया गया था। जहाँ उनका अध्धयन संतोषजनक रहा।
मंत्री ड़ॉ रावत ने पीसीयू के एमडी को निर्देश दिए कि इस साल पांच राज्यों जम्मू कश्मीर, सिक्किम, अंडमान निकोबार, महाराष्ट्र, केरल का अध्ययन भ्रमण की रूपरेखा सुनिश्चित करें। इस भ्रमण में किसानों के साथ शीर्ष अधिकारी शामिल रहेंगे। रेशम को-ऑपरेटिव फेडरेशन के एमडी आनंद शुक्ल ने बताया कि, राज्य की 6500 महिलाएं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं फेडरेशन द्वारा निर्मित रेशम के कपड़ों की डिमांड बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि, पॉल्ट्री फार्मिंग भी राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की लाभकारी योजना है। इससे किसान काफी संख्या में जुड़ रहे हैं।
सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि समीक्षा बैठक में जो विंदु चर्चा हुए हैं तथा सहकारी योजनाओं का लक्ष्य के साथ कार्य करें।