हल्द्वानी। सुशीला तिवारी अस्पताल में लगातार बढ़ती मरीजों के दबाव और व्यवस्थाओं को और दुरुस्त करने के लिए अस्पताल प्रशासन अब अल्ट्रासाउंड मशीन और ईसीजी और एक्सरे को आउटसोर्स डॉक्टरों के हवाले करने जा रहा है। जिसके लिए मरीजों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। फिलहाल अस्पताल प्रशासन का दावा है कि आउटसोर्स के माध्यम से अस्पताल की अल्ट्रासाउंड और अन्य रेडियोलॉजी की व्यवस्था को ठीक किया जाएगी।
सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि प्रदेश की अधिकतर सरकारी अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टरों की कमी है। जिसको देखते हुए शासन स्तर पर निर्णय लिया गया है कि जहां-जहां पर रेडियोलॉजिस्ट की कमी है, वहां पर आउटसोर्स के माध्यम से डॉक्टर की तैनाती की जाए।
डॉ सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में एक्सरे की व्यवस्था है। लेकिन कुछ एक्सरे यहां पर नहीं हो पाते हैं। जो आउटसोर्स के माध्यम से कराए जाएंगे। इसके अलावा अस्पताल में इमरजेंसी ईसीजी होती है। लेकिन ईसीजी की ओपीडी अब आउटसोर्स के माध्यम से कराए जाएंगे। जबकि अस्पताल में ईईजी टेस्ट की व्यवस्था नहीं है। इस व्यवस्था को भी आउटसोर्स के माध्यम से कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में भारी तादाद में अल्ट्रासाउंड कारने के लिए मरीज पहुंचते हैं। लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की स्थायी व्यवस्था नहीं होने के चलते या कई बार डॉक्टर के छुट्टी में चले जाने के चलते मरीजों को अल्ट्रासाउंड करने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है। जिसको देखते हुए अल्ट्रासाउंड को अब आउटसोर्स के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि सुशीला तिवारी अस्पताल में रोजाना 50-60 मरीज अल्ट्रासाउंड के लिए पहुंचते हैं। आउटसोर्स के माध्यम से डॉक्टरों की तैनाती होने से मरीजों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह सभी सेवाएं सरकार ने निर्धारित किए गए शुल्क के तहत ही किए जाएंगे।
बताया जा रहा है कि सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में ईसीजी टेस्ट का चार्ज 50 था, जो अब 175 रुपये पर हो जाएगा। जबकि 250 से अल्ट्रासाउंड 700 रूपए तक हो जाएगा।