देहरादून। रजिस्ट्री घपले में 17वां आरोपी गुरुवार को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। आरोपी रक्षा मंत्रालय को आवंटित 55 बीघा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री बनाने और सुभाषनगर स्थित 2500 गज जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे बेचने में शामिल रहा है। उससे कई अन्य आरोपियों के नाम पता लगे हैं। जिनकी पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।
गुरुवार को एसएसपी अजय सिंह ने अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता कर आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एआईजी स्टाम्प संदीप श्रीवास्तव ने पिछले महीने टर्नर रोड से सुभाष नगर चौक के मध्य 2500 गज जमीन और माजरा में रक्षा मंत्रालय को आवंटित 55 बीघा जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर रजिस्ट्री कार्यालय के रिकार्ड में लगाए जाने को लेकर मुकदमा दर्ज कराया। जांच में हुमायूं परवेज (50) निवासी मोहल्ला काजी सराय दो, नगीना जिला बिजनौर का नाम सामने आया। उसे गुरुवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी ने अपने साथी समीर कामयाब व अन्य की मदद से फर्जी दस्तावेज देव कुमार निवासी सहारनपुर की मदद से रिकार्ड रुम रजिस्ट्रार कार्यालय में वर्ष 2016-17 में जिल्द में लगवा दिया था। जिसमें सुभाषनगर चौक के पास की जमीन का अल्लादिया से सन 1944 में जलीलू रहमान व अब्दुल करीम के नाम फर्जी बैनामा बनाकर मालिक दर्शाया गया। 2019 से 2020 के बीच हुमायूं परवेज ने वसीयत के आधार पर 11 लोगों को इस जमीन की रजिस्ट्री की। रजिस्ट्री के तीन करोड़ रुपये जेएंडके बैंक के सहानपुर के बैंक खाते में जमा हुए।
माजरा की जमीन के असली मालिक लाला सरनीमल व मनीराम से फर्जी बैनामा सन 1958 का बनाया गया। बैनामे में जलीलू रहमान व अर्जुन प्रसाद को मालिक बनाया गया। इसके बाद सीमांकन के लिए प्रार्थना पत्र एसडीएम कार्यालय में दिया। वहीं हाईकोर्ट से भी सीमांकन का आदेश कराया। यह जमीन वर्ष 1958 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने रक्षा मंत्रालय के नाम कर दी थी। जो आज भी रक्षा मंत्रालय के कब्जे में है। जिस कारण सीमांकन की कार्यवाही नहीं हो पाई थी। यह हो जाती तो आरोपी इस जमीन को भी बेच देते।