देहरादून। उत्तराखंड मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक के दौरान विभिन्न विकास कार्यों को लेकर रिवाइज्ड एस्टीमेट पर अनुमोदन दिया। इस दौरान बदरीनाथ में उत्तराखंड के पहले गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन को स्थापित करने पर चर्चा की गई। साथ ही बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के अंतर्गत विभिन्न कार्यों पर भी बात हुई। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति विभिन्न विकास कार्यों के रिवाइज्ड एस्टीमेट पर विचार करती है। इस दौरान सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति की बैठक हुई। जिसमें बदरीनाथ मास्टर प्लान के अनुसार होने वाले कार्यों के रिवाइज्ड एस्टीमेट पर चर्चा की गई। साथ ही बागेश्वर-अमसरकोट मोटर मार्ग के निर्माण को लेकर भी विचार किया गया। इस दौरान बदरीनाथ में उत्तराखंड का पहला गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान के अंतर्गत बदरीनाथ में 33/11 केवी के सब स्टेशन और 33 केवी के साथ 11 केवी के एचडी व एलटी लाइन का निर्माण होना है। जिसके बाद बदरीनाथ धाम में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। इसके तहत पांडुकेश्वर सब स्टेशन से बदरीनाथ धाम तक 19. 5 किलोमीटर 33 केवी की विद्युत लाइन निर्माण के साथ-साथ 11 केवी अंडरग्राउंड विद्युत लाइन का निर्माण भी कराया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत ही उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा बदरीनाथ में पहला गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन स्थापित हो सकेगा।
बदरीनाथ धाम क्षेत्र में एनएचपीसी द्वारा तैयार किए जाने वाले सिविक एमिनिटी भवन निर्माण के लिए 2566.71 लाख रुपए के रिवाइज्ड एस्टीमेट को भी सहमति दी गई है। इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि बदरीनाथ धाम में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं के रहने और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए हाट बाजार, यात्रियों और विशिष्ट अति विशिष्ट महानुभावों के लिए विश्राम व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदरीनाथ में मास्टर प्लान की घोषणा की थी जिसके तहत सिविक एमेनिटी भवन का निर्माण होना है। राज्य योजना के अंतर्गत भी प्रदेश में बागेश्वर जिले में बागेश्वर-अमसरकोट मोटर मार्ग से नंदगांव तक मोटर मार्ग के निर्माण के लिए 830.58 लाख रुपए रिवाइज्ड एस्टीमेट पर अनुमोदन दिया गया।
इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्माण कार्यों को समय से पूरा करने और इसकी उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के भी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।