रुद्रपुर। न्यायालय सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी का फर्जी आदेश बनाने के आरोपी अधिवक्ता के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि अधिवक्ता ने 60 हजार रुपये लेकर धारा 229 बी के वाद में वादी के पक्ष में आदेश बनाया। जबकि न्यायालय ने वाद खारिज कर दिया था।
राजस्व अहलमद हरिओम शर्मा ने कोतवाली में दी तहरीर में कहा है कि रफी अहमद पुत्र कदरूद्दीन निवासी गांव बघौरी ने रफी अहमद बनाम जहरूल हसन के चल रहे वाद धारा 229बी के पारित आदेश का परवाना मांगा। हरिओम ने रफी अहमद को बताया कि तीन अगस्त को वाद खारिज हो चुका है। रफी अहमद ने बताया कि उनके वाद की पैरवी कर रहे अधिवक्ता शाहिद ने उनके पक्ष में हुए आदेश की कॉपी दिखाई। राजस्व अहलमद ने कहा है कि आदेश कूटरचित तरीके से फर्जी बनाया गया है। इसमें सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी यानि परगनाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं और मोहर का दुरुपयोग किया गया है।
रफी अहमद ने 29 अगस्त को शिकायती पत्र एसडीएम को सौंपा था। इसमें अधिवक्ता शाहिद पर कार्य के एवज में 60 हजार लेने का आरोप लगाया है। इसमें 55 हजार नगद व 3500 रुपये अधिवक्ता के भाई आरिफ के गूगल पे में कराने की जानकारी दी। राजस्व अहलमद ने अधिवक्ता शाहिद पर न्यायालय का फर्जी आदेश तैयार कर न्यायालय एवं न्यायालय में कार्यरत कार्मिक की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया है।
कोतवाल भूपेंद्र सिंह बृजवाल ने बताया कि पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।