नई दिल्ली। सीबीआई ने मणिपुर हिंसा की जांच शुरू कर
दी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले में छह एफआईआर दर्ज करने के साथ ही
10 लोगों को गिरफ्तार किया है। कहा जा रहा है कि सीबीआई सामूहिक दुष्कर्म
(वायरल वीडियो मामला) की घटना के संबंध में नई एफआईआर (सातवीं एफआईआर)
दर्ज करेगी।
बता दें कि मणिपुर में 86 दिन से हिंसा की घटनाएं देखने को मिल रही
हैं। इस बीच, केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमने
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराए जाने के मामले की जांच
सीबीआई को सौंप दी है। गृह मंत्रालय ने अपने सचिव अजय कुमार भल्ला के
माध्यम से शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें समयबद्ध
तरीके से सुनवाई पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई को
मणिपुर से बाहर ट्रांसफर करने का आग्रह किया है।
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देने के साथ-साथ गृह मंत्रालय ने राज्य में
शांति बहाली की कोशिश भी तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री
अमित शाह मैतेई और कुकी समुदाय दोनों के शीर्ष प्रतिनिधियों के संपर्क
में हैं। ये कोशिश की जा रही है कि दोनों समुदायों को बातचीत की मेज पर
लाया जाए। हालांकि दोनों समुदायों के बीच सुलह पर राय बंटी हुई है, लेकिन
सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही बातचीत में कोई सफलता मिलेगी।
बता दें कि मणिपुर में पिछले सप्ताह दो महिलाओं का निर्वस्त्र कर परेड
कराए जाने का वीडियो सामने आया था। इन दोनों महिलाओं के साथ गैंगरेप भी
किया गया था। एक पीड़िता के पिता और भाई ने विरोध किया तो उनकी हत्या कर
दी गई थी। घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया था और कड़ी
कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। मामले में 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी
स्वत: संज्ञान लिया था। स्ष्ट ने कहा था कि वीडियो हैरान करने वाला है।
हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल संवैधानिक लोकतंत्र में
बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली
बेंच ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल उचित कदम उठाने और कार्रवाई से
अवगत कराने का निर्देश दिया था।
अब केंद्र सरकार ने घटना के संबंध में अपना जवाब दाखिल किया है। इसमें
कहा, मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई को पत्र के माध्यम से आगे की जांच के लिए
मामले को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की है। गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई
को मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है। बेंच अब मणिपुर में जातीय हिंसा
से जुड़ी याचिकाओं पर 28 जुलाई को सुनवाई करेगी।