देहरादून। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रधानमन्त्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पी०एम० जनमन) कार्यक्रम के अन्तर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए स्वीकृत छात्रावासों का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर माननीय प्रधानमन्त्री जी द्वारा भगवान बिरसा मुण्डा की धरती झारखण्ड राज्य से देश के विनिन्न राज्यों के लिए स्वीकृत जनजातीय छात्रावासों तथा एकलव्य आवासीय छात्रावासों का एक साथ वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया जिसमें उत्तराखण्ड के लिए स्वीकृत 3 छात्रावासों में से एक छात्रावास जो कि विकासखण्ड विकासनगर के सभावाला में निर्मित किये जाने वाले छात्रावास का शिलान्यास भी सम्मिलित है। प्रधानमंत्री के द्वारा वर्चुअल रूप में किये गये शुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर राज्य स्तर से कार्यक्रम को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, ननूरखेडा देहरादून में आयोजित किया गया. जिसका शुभारम्भ मंत्री जी विद्यालयी शिक्षा द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर राज्य हेतु स्वीकृत उक्त छात्रावास के शिलापट्ट का अनावरण एंव उत्तराखण्ड की संस्कृति के अनुरूप शुभारम्म सम्बन्धी पूजन डॉ० धन सिंह रावत, शिक्षा मन्त्री विद्यालयी शिक्षा के कर कमलों से सम्पन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम में शिक्षामंत्री के साथ त्रिपुरा के विधानसभा उपाध्यक्ष रामप्रसाद पाल तथा मणिपुर से बाबुल झा की भी गरिमामय उपस्थिति रही।
शिलान्यास कार्यक्रम के प्रारम्भ में झरना कमठान, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा माननीय मंत्री जी एंव आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए पी०एम० जनमन कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह जिसमें उत्तराखण्ड राज्य की ष्बुक्सा एवं राजीष् जनजाति सम्मिलित है, उक्त योजना से होने वाले लाभों से सभी आगन्तुकों को जानकारी दी गयी। इस अवधि में वर्चुअल माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी के सम्बोधन को सभी उपस्थित बच्चों एवं अधिकारियों द्वारा ध्यानपूर्वक सुना गया। प्रधानमंत्री जी द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि भारत सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों का आशातीत लाभ देश के जनजातीय भाई-बहिनों तथा बच्चों तक पहुंचे यह सरकार की प्राथमिकता एवं प्रतिबद्वता है। जनजातीय समुह के परिवारों एवं बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, विद्युत, सड़क, दूरसंचार सुविधा आदि सभी क्षेत्रों तक सुलभ पहुँच बनाने का भारत सरकार का संकल्प हैं। इसके लिए देश के लगभग 550 जिलों के 65000 जनजातीय समूहों के परिवारों को लाभान्वित किये जाने हेतु लगभग 80 हजार करोड़ की योजनाओं का प्रधानमंत्री द्वारा शुभारम्भ किया गया।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री द्वारा इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि यह भारतवासियों का परम सौभाग्य है कि देश में एक साथ जनजातीय समूह के कल्याण हेतु लगभग 80 हजार करोड़ की योजनाओं का शुभारम्भ प्रधानमंत्री के करकमलों द्वारा हुआ है। साथ ही उन्होने कहा की आज यदि देश में प्रेम का भाव, पुष्ट संस्कृति और परम्परायें संरक्षित और जीवित है तो इसका श्रेय जनजातीय समाज को ही जाता है। शिक्षा मंत्री जी द्वारा यह भी बताया गया कि हम संकल्प बद्ध है कि उत्तराखण्ड राज्य शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित हो। उनके द्वारा यह भी प्रतिबद्धता व्यक्त की गयी कि वर्तमान में हमारे राज्य की शिक्षा व्यवस्थ को देश में 16वें नम्बर पर रखा गया है हमारा प्रयास है कि हम इस वर्ष प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को प्रथम 10 राज्यों में लायेंगे। कार्यक्रम के अन्त में अपर राज्य परियोजना निदेशक तथा अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ० मुकुल कुमार सती द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में निदेशक अकादमिक बन्दना गर्थ्याल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा लीलाधर व्यास, अपर निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रघुनाथ लाल आर्य, पदमेन्द्र सकलानी, संयुक्त निदेशक, दिनेश चन्द्र गौड़ संयुक्त निदेशक, जे०पी० काला० उप निदेशक, पंकज शर्मा उप निदेशक, मंजु भारती, उप निदेशक, अजीत भण्डारी उप राज्य परियोजना निदेशक, पल्लवी नैन उप राज्य परियोजना निदेशक, डॉ० सुनीता भट्ट प्राचार्य, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, मदन मोहन जोशी उपराज्य परियोजना निदेशक, प्रद्युम्न सिंह रावत, अनिल ध्यानी, संदीप उनियाल मुकेश कुमेड़ी, अजय कुमार शर्मा प्रमोद कोठियाल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन स्टाफ ऑफिसर समग्र शिक्षा बीपी मंडोली द्वारा किया गया।