ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में कूड़ा कलेक्शन को लेकर नगर निगम ने अब हाथ पीछे खींच लिए हैं। जल्द ही निगम एम्स में कूड़ा उठाने के लिए वाहन भेजना बंद कर सकता है। इस बारे कें संस्थान को नोटिस जारी किया जा चुका है, इसमें सरकार के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल-2016 के प्रावधान का भी हवाल दिया गया है। लिहाजा, एम्स को खुद ही कूड़ा निस्तारण के लिए इंतजाम करने पड़ सकते हैं।
नगर निगम प्रशासन के मुताबिक एम्स से रोजाना छह से सात टन कचरा निकलता है, इसकी एवज में वह मासिक करीब 25 हजार रुपये का शुल्क अदा कर रहा है। जबकि, कूड़ा कलेक्शन से लेकर निस्तारण पर निगम को करीब ढाई लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं, जिससे निगम को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। कूड़ा कलेक्शन की समस्या को लेकर कई दफा अधिकारी एम्स प्रशासन से वार्ता कर चुके हैं, लेकिन इसका कोई भी सकारात्मक हल निकलता नहीं दिखा है।
सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट ने बताया कि नोटिस में यह बताया गया है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल में यह प्रावधान है कि 50 किलो से ज्यादा कूड़ा जनरेट करने वाले संस्थानों को खुद ही इसका निस्तारण करना होगा। गीले कूड़े के लिए वह कंपोस्ट पिट की व्यवस्था करेगा। जबकि, सूखे कूड़े को वह प्राधिकृत एजेंसी को दे सकता है। बताया कि जल्द एक दौर की ओर वार्ता एम्स प्रशासन से होनी है, मगर यह तो तय है कि नगर निगम एम्स का कचरा नहीं उठाएगा।