नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर शुक्रवार को समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक और उसके प्रधान संपादक से जवाब मांगा, जिसमें धनशोधन मामले में उन्हें दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण देने के पहले के एक आदेश को हटाने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने न्यूजक्लिक और उसके प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को नोटिस जारी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया, अंतरिम संरक्षण हटाने के खिलाफ जांच एजेंसी की दलीलों में दम है और इस पर विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है। यह अर्जी पोर्टल की उस याचिका पर चल रही अदालती कार्यवाही का हिस्सा है, जिसमें ईडी की ओर से दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) की एक प्रति का अनुरोध किया गया है।
ईडी के वकील ने कहा कि नई सामग्री का पता चला है, जिससे धनशोधन के अपराध का खुलासा हुआ है। उन्होंने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि ईसीआईआर एक आंतरिक दस्तावेज है, जिसे प्रदान नहीं किया जा सकता और याचिकाकर्ता अंतरिम राहत का सहारा नहीं ले सकते। ईडी के वकील ने कहा कि यह ‘पेड न्यूज’ के लिए एक आपराधिक साजिश है, जहां कानूनों का उल्लंघन करके करोड़ों रुपये आए हैं।
न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा, ”प्रथम दृष्टया, इस अदालत की राय में, (ईडी की) उपरोक्त दलील में दम है और इस पर विचार करने की आवश्यकता है। इसके मद्देनजर, नोटिस जारी किया जाए।” न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि छह सितंबर तय की। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है।
इक्कीस जून, 2021 को उच्च न्यायालय ने ईडी को धनशोधन मामले में न्यूजक्लिक और पुरकायस्थ के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था और 29 जुलाई, 2021 को यह अंतरिम संरक्षण बढ़ा दिया गया था।
ईडी ने दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी और विदेशों से प्राप्त धन के संबंध में न्यूजक्लिक के परिसरों और कई अन्य स्थानों पर छापे मारे थे।