हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग में चल रहे प्रेरणा कार्यक्रम का आज सफलता पूर्वक समापन हो गया।
इस अवसर पर छात्रों से चर्चा करते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी० आर०डी० ओ०) के पूर्व वरिष्ट वैज्ञानिक डा० असीम भटनागर ने कहा कि आज का समय आंतरप्रेरणा एवं स्टार्ट उप का है। उन्होंने कहा कि कैसे छात्र अपने प्रोफेसनल कोर्स करते हुए प्रति माह 10000 से 15000 रूपए की आय भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शीघ्र ही इन्कुबेशन सेंटर शुरू किया जाएगा जिस में छात्रों को नए नए अविष्कार, शोध एवं स्टार्ट अप के लिए वातावरण तैयार किया जाएगा, ताकि निकट भविष्य में वह एक सफलआंतरप्रेन्यूर बन सके और देश और समाज के विकास में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि आज के समय की मांग है कि हम सिर्फ नौकरी के विचार तक न सीमित रहे बल्कि अनुसंधान एवं छोटे छोटे स्टार्ट अपके ब्यवहार में लाने कि सोच विकसित करें।
इस अवसर पर उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के डा० विनय कुमार सेठी ने छात्रों से वित्तीय आपदा कारण एवं निवारण विषय पर विस्तृत चर्चा की, उन्होंने कहा कि आजकल के भौतिकवादी युग में हर कोई देखा देखी में अपनी आर्थिक क्षमताओं से अधिक खरीददारी कर रहा है जिस से वह निकट भविष्य में आर्थिक तंगी के चंगुल में फंस जाता है और धीरे धीरे वह अवसाद, तनाव और आत्महत्या जैसे विकारों की चपेट में आ जाता है। कहा कि आजकल की दिखावे वाली और छद्म आभासी सोशल मीडिया इसके लिए बहुत हद तक जिम्मेदार है, कहा कि आज कल परिवार के सदस्य एक साथ बैठकर आपस में चर्चा करना जैसे भूल ही गए है, जिस से लोग एकाकी होने लग गए हैं। इसके निवारण पर चर्चा करते हुए डा० सेठी ने कहा कि भौतिक चकाचौंध की पीछे न भागें और किसी से अपनी तुलना किसी भी रूप में न करे, नेचुरल जीवन जीए और अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय व्यतीत करें।
कार्यक्रम के सफल समापन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० सोमदेव शतांशु एवं कुलसचिव प्रो० सुनील कुमार ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम के इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डा० विपिन कुमार ने गत तीन दिनों में हुए कार्यक्रम का सारांश सभी के मध्य रखा, उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में कम्प्यूटर के अनुप्रयोग, प्लेसमेंट, इंडस्ट्री के प्रबंधकों ने छात्रों से चर्चा की, इसके साथ ही फार्मेसी के विभिन्न विषयों पर विभाग के शिक्षकों ने विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डा० अश्वनी कुमार एवं विनोद नौटियाल ने किया। कार्यक्रम के सफल सम्पूर्ण होने में डा० कपिल कुमार गोयल, डा० सतेन्द्र राजपूत, डा० पियूष सिंघल, बलवंत रावत, दीपक नेगी, डा0 रोशन लाल आदि शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का सहयोग रहा।