रुद्रप्रयाग। गौरीकुंड में अतिक्रमण कर बनाए गए करीब डेढ़ दर्जन लकड़ी और तिरपाल के ढाबे प्रशासन ने हटा दिए हैं जबकि तीन पक्के ढाबों को भी ध्वस्त किया है। प्रशासन का कहना है कि यह सभी दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के करीब है, जिससे सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए यह कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि गौरीकुंड बाजार से डाट पुलिस तक करीब 20 कच्चे और पक्के ढाबे बनाए गए हैं, जिनमें अधिकांश बाहरी मूल के लोग कारोबार करते हैं। उपजिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम की मौजदूगी में जेसीबी से तीन पक्के ढाबे ध्वस्त किए गए जबकि करीब 15 से 20 तिरपाल-प्लास्टिक और लकड़ी से बनाए गए ढाबे तोड़ दिए गए। गौरीकुंड में जिस जगह पर भूस्खलन की घटना हुई और 17 लोग लापता है जबकि तीन की मृत्यु हो गई है। उसी खतरे को देखते हुए प्रशासन ने शनिवार को गौरीकुंड में बड़ी कार्रवाई की है। गौरीकुंड मार्ग पर लगातार दुर्घटना की संभावनाएं बनी है। जहां सड़क संकरी है वहां ढ़ाबों के कारण अनावश्यक भीड़ होने लगती है। इससे बरसाती मौसम में दुर्घटना की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। पूरे मार्ग की स्थिति को देखते हुए अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी की देखरेख में उपजिलाधिकारी ऊखीमठ और पुलिस टीम की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।
एसडीएम ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए कुछ प्लास्टिक से बने ढ़ाबे हटाए गए। जबकि तीन पक्के ढाबे भी हटाए गए जो संवेदनशील स्थान पर थे। इधर, जो लोग यहां ढाबे संचालित कर दो जून की रोटी जुटाते रहे है उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।