श्रीनगर गढ़वाल। बेस अस्पताल में कुछ माह पूर्व नाबालिग बच्ची के साथ हुई छेड़छाड़, कोलकाता में महिला डॉक्टर रेप हत्याकांड की जैसी घटनाओं के बाद कॉलेज श्रीनगर मेडिकल अस्पताल में बड़ा फेर बदल होने जा रहा है। यहां अब सुरक्षा व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए कुछ बड़े निर्णय लिये गये हैं।
अब बेस अस्पताल प्रबंधन के जारी किए जाने वाले गेट पास के बिना किसी भी व्यक्ति अस्पताल के वॉर्डों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, जो भी मरीज अस्पताल में भर्ती होगा उनके दो तमीरदारो को तुरंत ही गेट पास दे दिया जाएगा। जिसके बाद उसी गेट पास के जरिये उनकी एंट्री अस्पताल में होगी। जिसके पास गेट पास नहीं होगा उनको अस्पताल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
मेडिकल कॉलेज के इन्टर्न डॉक्टर भी इस संबंध में लंबे अरसे से मांग कर रहे थे। अस्पताल में कार्यरत इंटर्न डॉक्टर आशुतोष मिश्रा ने बताया वॉर्डों में कई बार शरारती तत्व भी प्रवेश कर जाते हैं। कई बार शराब के नशे में हुड़दंग काटते हैं। जिससे अन्य मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ में भर्ती मरीज को इंफेक्शन होने का भी खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने गेट पास व्यवस्था किये जाने का स्वागत किया। उन्होंने कहा इससे वॉर्ड में अनावश्यक भीड़ भी नहीं होगी। मरीज के अच्छी व्यवस्था भी हो सकेगी।
बेस अस्पताल चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अजय विक्रम सिंह ने बताया पूर्व में ऐसी घटनायें बेस अस्पताल में हुई जिसके कारण ये बड़ा फैसला लिया गया है। इस व्यवस्था को दो से चार दिन के भीतर लागू कर लिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति बिना गेट पास के होगा तो उसे आईपीडी में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अस्पताल में भर्ती मरीज के दो तमीरदारों को ये गेट पास दिये जायेंगे। बिना गेट पास के किसी को भी अस्पताल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।