देहरादून। बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष के मस्जिद में जूते पहन कर जाने व वहां मौजूद मुफ्ती सहाब के साथ बदसलूकी करने के विरोध में शुक्रवार को राजधानी की मस्जिदों में विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ाई गई।
शहर काजी मौलाना मुहम्मद अहमद कासमी साहब के आह्वान पर मस्जिदों में शुक्रवार को नमाज काली पट्टी बांध कर पढ़ी गई। मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने नमाज के उपरांत अपने संबोधन में कहा की जिस प्रकार राज्य सरकार विशेषकर बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्षा मदरसों को निशाना बना रही हैं ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुस्लिम सेवा संगठन के उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी ने कहा की रेड लाइट पर अनेकों बच्चे भिक्षा मांग रहे हैं, सरकारी स्कूलों में पर्याप्त अध्यापक नहीं हैं, सरकारी विद्यालयों की इमारतों की हालत जर्जर हैं, कई स्थान ऐसे हैं जहां पर अभी शिक्षा की स्तिथि दयनीय है, बाल श्रम हो रहा हैं, बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, पहाड़ी इलाकों में बाल चिकित्सकों की कमी है परंतु बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा केवल मदरसों को टारगेट कर रही हैं। अध्यक्षा एक शिक्षित महिला हैं परंतु उन्हें इतना ज्ञान नहीं की धार्मिक स्थल में जूते समेत प्रवेश निषेध होता है। परंतु वह मस्जिद एवं में मदरसे में जूते पहन कर आती हैं जबकि उन्हें दिखाई एवं सुनाई पड़ रहा है की बालक पवित्र कुरान की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा द्वारा किए गए इस कुक्रत्य से मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं जिस कारण ये शांति पूर्वक प्रदर्शन किया गया। यदि भविष्य में ऐसा दोबारा किया गया तो अपने लोकतत्रिक अधिकारों का उपयोग करते हुए आंदोलन किया जाएगा।