टिहरी। आठ दिवसीय श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले के दूसरे दिन कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मेले में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। शुक्रवार को मुख्य बाजार नरेन्द्रनगर में मुख्य अतिथि सौरभ बहुगुणा ने खेल प्रतियोगिता का ध्वजारोहण एवं द्वीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया गया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि सौरभ बहुगुणा ने बॉलीवाल प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से मुलाकात की तथा रिबन काटकर पुरूष एवं महिला बॉलीवाल ओपन प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री जी द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा स्थापित जन कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित स्टॉलों का निरीक्षण किया गया। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने समस्त क्षेत्र एवं खेल से जुड़े लोगों की तरफ से मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि खेल एक ऐसी चीज है जो खिलाड़ियों के अंदर जीत एवं टीम भावना को उजागर करती है। आज समाज मंे नशा सबसे बड़ी समस्या है और युवा इससे मुक्ति पाने में सक्षम हैं। खेल ही नई पीढ़ी को नशे से दूर रख सकता है।
इससे मौके पर गुरु राम राय पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा स्वागतगान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। आई.टी.बी.पी. के जवानों द्वारा बैंड की मधुर ध्वनि और सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने छोलिया नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति दी गई, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही विभिन्न स्थानीय विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा मार्च पास्ट किया गया।
इस अवसर पर प्रमुख नरेन्द्रनगर राजेन्द्र भण्डारी, इंडियन प्लेयर मनदीप कुमार, हॉकी एशियन गेम्स मेडलिस्ट अनवर खान, मेला सचिव देवेंद्र सिंह नेगी, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पवार, सभासद साकेत बिज्लवाण, वॉलीबॉल संयोजक दिनेश उनियाल सहित नरपाल भंडारी, मनोज भंडारी, यशपाल सिंह राणा, राजपाल पुंडीर, विक्रम सिंह रावत, महेश गुसाई, दिनेश गुसाई आदि खेल समिति के सदस्य मौजूद रहे।
श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले के पहले दिन की सांस्कृतिक संध्या में उत्तराखण्ड की मशहूर लोक गायिकायें उप्रेती बहनों द्वारा ‘पहाड़ी छॉ हम पहाड़ रूनेर………‘, ‘बेडू पाको बरमास…….‘ गढ़वाली/कुमांउनी गानों ने सबको को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं गढ़वाली लोकगायक एवं जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण एण्ड पार्टी ने ‘भगवती जगदम्बा देवी जागर से कार्यक्रम की शुरूवात की। उनके ‘सरूली मेरू जिया लगी गे……‘ आदि अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।