शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने आश्वस्त किया है कि प्रदेश सरकार हिमाचल में फंसे हुए सभी लोगों की तब तक देखभाल सुनिश्चित करेगी, जब तक उन्हें सुरक्षित घर नहीं पहुंचा दिया जाता। उन्होंने कहा कि सभी राहत शिविरों में उचित व्यवस्थाएं की गई हैं और लोगों को नि:शुल्क भोजन, पानी और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
वीरवार को शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि कुल्लू और मंडी जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध होने के कारण विभिन्न स्थानों पर फं से हुए लोगों को प्रदेश सरकार हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है। संबंधित जिला प्रशासन लोगों के लिए भोजन और अस्थायी शिविर की नि:शुल्क सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
मंडी-कुल्लू एनएच पंडोह के पास क्षतिग्रस्त, बहाल होने में लगेगा समय
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पंडोह के पास भारी भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है और इस पर यातायात बहाल करने में काफी समय लगेगा। जिला प्रशासन मंडी द्वारा फंसे हुए लोगों को आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने के लिए पंडोह और औट में 2 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार को 950 से अधिक भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं, जिनमें से पंडोह व औट राहत शिविरों में 800 से अधिक लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त 150 व्यक्तियों को कुल्लू जिले के बजौरा राहत शिविर में भोजन उपलब्ध करवाया गया। सीएम ने कहा कि रैडक्रॉस सोसायटी सहित विभिन्न स्वयंसेवी संगठन और स्थानीय लोग भी जरूरतमंदों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित करने के लिए आगे आ रहे हैं।
राज्य को 12000 करोड़ से अधिक का नुक्सान
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बरसात में बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण प्रदेशभर में जानमाल की भारी क्षति हुई है। आपदा में अभी तक 350 से अधिक लोगों की दुखद मृत्यु हुई है और राज्य को 12000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति को क्षति का अनुमान है।