देहरादून। स्वास्थ्य, चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा है कि, दून अस्पताल में फूड फॉर लाइफ पहल का शुभारंभ लोगों की सेवा करने और अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए इस्कॉन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मरीजों और उनके परिवारों को पौष्टिक भोजन प्रदान करके, संगठन का लक्ष्य अस्पताल में रहने के दौरान उनके सामने आने वाले शारीरिक और भावनात्मक बोझ को कम करना है। दया और करुणा का यह कार्य इस्कॉन के मूल मूल्यों और मानवता की सेवा के प्रति उसके समर्पण को दर्शाता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ रावत आज मंगलवार को दून मेडिकल कॉलेज के दून अस्पताल के एक सभागार में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) की रसोई द्वारा मुफ्त वितरण भोजन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह शानदार पहल है। सरकारी स्तर पर मरीज को तो थाली मिलती है लेकिन उनके तीमारदार छूट जाते हैं। अब करीब आठ सौ से एक हजार तीमारदारों को दून अस्पताल में इस्कॉन द्वारा निशुल्क भोजन मिला करेगा। डॉ रावत ने कहा कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में इस्कॉन की रसोई के लिए एक बीघा जमीन की व्यवस्था जल्द की जाएगी। और दून हॉस्पिटल में रसोई के लिए जमीन का प्रबन्ध करने के लिए विचार किया जाएगा।
आईआईटी मंडी के निदेशक व इस्कॉन के देहरादून निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि इस्कॉन की पहल से देहरादून में 10 किमी के दायरे में कोई भी भूखा नहीं रहेगा। संगठन जरूरतमंद लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक रसोई का निर्माण कर रहा है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि क्षेत्र में कोई भी भूखा नहीं रहेगा। दून अस्पताल में मरीजों को मुफ्त भोजन वितरण यह प्रयास लोगों की सेवा करने और भूख के मुद्दे को ठोस और प्रभावशाली तरीके से संबोधित करने के लिए इस्कॉन की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। उन्होंने कहा इस्कॉन के 111 किचन हैं अब तक लोगों को साढ़े पांच सौ करोड़ थाली निशुल्क खिला चुके हैं। यह उन लोगों को सीधे पोषण प्रदान करने की अनुमति देता है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता हो सकती है। मरीजों और उनके परिवारों को अक्सर अस्पताल में रहने के दौरान उचित पोषण प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और इस्कॉन के प्रयासों का उद्देश्य इस बोझ को कम करना है।
इस उपक्रम का महत्व भोजन की तत्काल व्यवस्था से कहीं अधिक है। यह लोगों के कल्याण के लिए एक बड़ी प्रतिबद्धता और इसके स्रोत पर भूख के मुद्दे को संबोधित करने के महत्व की मान्यता का प्रतीक है। दून अस्पताल में एक रसोई और वितरण प्रणाली स्थापित करके, इस्कॉन न केवल तत्काल राहत प्रदान कर रहा है, बल्कि भूख के खिलाफ लड़ाई में निरंतर समर्थन के लिए मंच भी तैयार कर रहा है। इस्कॉन द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण भूख से निपटने में दक्षता और प्रभावशीलता के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है। एक केंद्रीकृत रसोई और वितरण प्रणाली की स्थापना करके, संगठन यह सुनिश्चित करने में सक्षम है कि संसाधनों का उपयोग सबसे प्रभावशाली तरीके से किया जाए, उन लोगों तक पहुंचाया जाए जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। फूड फॉर लाइफ पहल इस्कॉन के खाद्य राहत कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जो 1972 में अपनी स्थापना के बाद से हर दिन लाखों लोगों को भोजन परोस रहा है। यह पहल इस्कॉन के संस्थापक, श्रील प्रभुपाद की दयालु दृष्टि में निहित है, जो इससे बहुत प्रभावित हुए थे। जब उन्होंने गांव के लड़कों को खाने के थोड़े से टुकड़ों के लिए सड़क में लड़ते देखा। इस अनुभव ने उन्हें भूख मिटाने और जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध एक वैश्विक आंदोलन बनाने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर पूर्व मेयर सुनील उनियाल, प्राचार्य, दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना, इस्कॉन की ओर से प्रतिनिधि, एचजी लीला पुरूषोत्तम प्रभु, अनिरुद्ध कीर्तन दास, एचजी सर्वात्मा श्याम दास, एचजी गदाधर गौरांग दास, एचजी सुमोहन हरि दास, मनीष झा और अमित जुनेजा, दीपक सिंघल, विशाल गुप्ता, लच्छु गुप्ता सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।