लखवाड़ बांध प्रभावितों ने रोजगार की मांग को लेकर बंद कराया निर्माण

विकासनगर। लखवाड़-व्यासी युवा श्रम संविदा सहकारी समिति ने शनिवार को परियोजना स्थल पर धरना प्रदर्शन करते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया। समिति से जुड़े युवाओं का कहना है परियोजना के तहत स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए बीते जुलाई माह में धरना दिया गया था, तब प्रबंधन ने उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन मिला था, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

समिति के उपाध्यक्ष संदीप तोमर ने कहा कि बांध परियोजना के तहत निर्माणदाई संस्थाएं बाहरी लोगों को रोजगार दे रही हैं, जबकि स्थानीय प्रभावित युवा बेरोजगार हैं। जिन परिवारों की जमीन बांध निर्माण के लिए अधिग्रहीत कर दी गई है, उन्हें भी रोजगार से वंचित रखा जा रहा है। कहा कि योग्यता के अनुसार स्थानीय युवाओं को ही रोजगार दिया जाना चाहिए। स्थानीय लोगों की आय का प्रमुख साधन कृषि है, लेकिन कृषि भूमि को अधिग्रहीत कर दिया गया है, जिससे करीब 32 गांवों के किसान भूमिहीन हो गए हैं। उन्हें परियोजना के तहत रोजगार दिया जाना जरूरी है। इसके साथ ही बाहरी ठेकेदारों और उनकी मशीनों को हटाकर स्थानीय प्रभावितों को ही वरीयता दी जानी चाहिए।

कहा कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम बांध परियोजना में ठेकेदारी प्रथा पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर स्थानीय युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। कहा कि परियोजना के तहत निर्माणदाई संस्था को स्थाई और अस्थाई पदों का सृजन कर युवाओं को रोजगार मुहैया कराया गया।

धरना प्रदर्शन करने वालों आनंद तोमर, संजीव चौहान, सिकंदर नेगी, अमित चौहान, संदीप तोमर, गोपाल चौहान, सतपाल तोमर, प्रद्युम्न तोमर, संदीप खन्ना, मनीष, सचिन, सुनील डोभाल, जगदीश पुंडीर, तरुण, विनय, सोमपाल, राहुल चौहान, बलवीर, सुरेश आदि शामिल रहे।

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