देहरादून। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को देहरादून दिल्ली निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे (राष्ट्रीय राजमार्ग) का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसके बनने के बाद दून से दिल्ली ढाई से तीन घंटे में पहुंच सकेंगे। उन्होंने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि यह पूरी परियोजना ईपीसी मोड पर है। कॉरिडोर की कुल लंबाई लगभग 113 किलोमीटर है। जिसकी लागत 11 हजार 970 करोड़ के आसपास है। इसे न्यूनतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के हिसाब से डिजाइन किया गया है। वर्तमान में देहरादून से दिल्ली की दूरी 235 किलोमीटर है जो कि इस कॉरिडोर के बनने के बाद घटकर 213 किलोमीटर रह जाएगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सहारनपुर देहरादून आर्थिक गलियारे के निर्माण से इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, विशेष रूप से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग के लिए यह एक वरदान साबित होगा। इस कॉरिडोर में 5 आरओबी, 110 वाहन अंडर पास, आबादी क्षेत्र में 76 किमी सर्विस रोड और 29 किलोमीटर एलिवेटेड पोर्शन और 16 एंट्री और एग्जिट पॉंइट हैं। इस दौरान एनएचएआई परियोजना निदेशक पंकज मौर्य, अभियंता रोहित पंवार, टीम लीडर केके जैन, परियोजना प्रबंधक मोहन, परियोजना उपाध्यक्ष अतुल कुमार आदि मौजूद थे।
12 हजार करोड़ में बनेगा एक्सप्रेस वे: दून से दिल्ली एक्सप्रेस वे ईपीसी मोड पर बन रहा है। कॉरिडोर की कुल लंबाई 113 किलोमीटर है जो छह लेन का होगा। परियोजना पर कुल 11970 करोड़ खर्च होंगे। इस पर वाहन न्यूनतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगे और दून से दिल्ली की दूरी 213 किलोमीटर रह जाएगी।
29 फ्लाई ओवर,110 अंडर पास, 5 आरओबी बनेंगी: महाराज ने बताया कि परियोजना के तहत 5 आरओबी, 110 वाहन अंडर पास, आबादी क्षेत्र में 76 किमी सर्विस रोड तथा 29 फ्लाई ओवर और 16 एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बनाए जा रहे हैं।
एशिया का सबसे लंबा वन्य जीव कॉरिडोर: सतपाल महाराज ने बताया कि दून दिल्ली एक्सप्रेस वे के तहत गणेशपुर से देहरादून के बीच 12 किमी लम्बा वन्य जीव गलियारा बन रहा है। यह एशिया का सबसे लंबा कॉरिडोर है और इसकी लागत करीब 1995 करोड़ है।