नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत एवं भारतीयों के प्रति अविश्वास और घमंड कांग्रेस की नसों में रच बस गया है और उसे भारत को बदनाम करने में बहुत मज़ा आता है। इसीलिए देश के लोगों के मन में कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा हो गया है।
उन्होंने लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश की जनता ने उनकी सरकार के प्रति बार बार विश्वास जताया है। इसके लिए वह देश की कोटि कोटि जनता का आभार मानते हैं। उन्होंने कहा कि वह मानते हैें कि विपक्ष को ईश्वर का कोई वरदान मिला है कि वे किसी का बुरा करने की कोशिश करेंगे तो उसका भला हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष के इस अविश्वास प्रस्ताव को सरकार के लिए ईश्वर का वरदान बताते हुए कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ साबित हुआ है। ईश्वर ने विपक्ष को सुझाया और वे अविश्वास प्रस्ताव लाये है। वे 2018 में ईश्वर का आशीर्वाद था जो अविश्वास प्रस्ताव आया और उस समय भी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं बल्कि उन्हीं का फ्लोर टेस्ट साबित हुआ। मतदान में उन्हें उनके तय वोटों से कम वोट मिले थे। इतना ही नहीं जब जनता के पास गये तो जनता ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा, “आपने तय कर लिया है कि अगले चुनाव में राजग/भाजपा पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़कर भव्य बहुमत से वापस आएगी। ” उन्होंने कहा कि तीन दिनों से चर्चा हो रही है। अच्छा होता कि संसद के मानसून सत्र में विपक्ष ने कार्यवाही में हिस्सा लिया होता। सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए हैं। ये विधेयक देश की युवा शक्ति की आशा आकांक्षा के आधार पर देश को आगे ले जाने वाले विधेयक हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाला समय तकनीक आधारित होगा। डाटा संरक्षण विधेयक बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले समय में डाटा सोने जैसा अमूल्य होगा। कई विधेयक गांव, गरीब, वंचित आदि के कल्याण के लिए थे। लेकिन गरीबों के कल्याण में विपक्ष को कोई रुचि नहीं है। जनता ने जिस काम के लिए भेजा, उससे भी विश्वासघात किया। उन्हें गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख सिर पर सवार है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में एक भी दिन सत्र नहीं चला लेकिन एक विधेयक पर जुट गये और अपने कट्टर भ्रष्ट साथी दल की शर्त पर मजबूर हो गये। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई तो फील्डिंग विपक्ष ने लगायी और चौके छक्के हमने लगाये। जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हुए हैं वो भी हमसे हमारा हिसाब पूछते हैं।
उन्होंने कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी को घेरते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को वक्ताओं की सूची में जगह नहीं मिली। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने संवेदनशीलता दिखायी और उन्हें हमारे समय में से बोलने का मौका मिल गया लेकिन गुड़ का गोबर कैसे किया जाता है, ये उसमें माहिर हैं। ….. हम अधीर बाबू के प्रति पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी देश के जीवन में एक समय ऐसा आता है जिसमें पुरानी बंदिशें तोड़कर नई ऊर्जा एवं संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए कदम उठाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी का यह कालखंड भारत के लिए हर सपने सिद्ध करने का अवसर लाया है। यह बहुत अहम कालखंड है और इसमें सिद्ध किये गये संकल्पों का देश के अगले एक हजार साल के कालखंड पर प्रभाव पड़ेगा। लोगों के पुरुषार्थों से एक हजार वर्ष के भारत की नींव रखी जाये, यह सबकी जिम्मेदारी है। हमारी युवा पीढ़ी हमारे इस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में समर्थ हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में 30 साल के अंतर के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार आयी। हमारे ट्रैक रिकॉर्ड देख कर 2019 में भी फिर एक बार हमें सेवा का मौका मिला। सदन में हमारी जिम्मेदारी को निभाते हुए हमने देशवासियों को एक घोटाला रहित सरकार दी। लोगों को खुले आसमान में उड़ने का अवसर एवं हौसला दिया। हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी साख को ठीक किया। लेकिन आज भी लोग दुनिया में भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा कि ये लोग अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों एवं अनुमानों को साझा करते हुए कहा कि भारत की उपलब्धियों को दुनिया दूर से देख रही है लेकिन ये यहीं रह कर भी नहीं देख पा रहे हैं। अविश्वास एवं घमंड इनकी नसों में रच बस गया है। इनकी शुतुरमुर्ग की एप्रोच से देश का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव देश के लिए उसी प्रकार से मंगलकारी है जैसे किसी सुंदर शुभ चीज़ पर काला टीका लगाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “बीते तीन दिन से मुझे जितने अपशब्द कहे गये, उससे विपक्ष के लोगों के मन का गुबार निकल गया होगा। ये लोग कहते हैं कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी। लेकिन मेरे लिए इनकी गालियों, अपशब्दों, अलोकतांत्रिक भाषा का टॉनिक बना लेता हूं।” उन्होंने कहा, “ये लोग ऐसा क्यों करते हैं इसका एक राज़ है। मेरा विश्वास है कि इन्हें इस बात का वरदान है कि ये जिसका बुरा चाहेंगे, उसका भला हो जाएगा।”
उन्होंने बैंकिंग सेक्टर, हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और भारतीय जीवनबीमा निगम के बारे में विपक्ष के निष्कर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि शेयर बाजार के लिए उनका गुरुमंत्र है कि जिसे ये लोग बुरा कहें, गाली दें, आप उसी में दांव लगा दें, पक्का फायदा होगा। ये लोग जिस संस्थान की मृत्यु की घोषणा करते हैं, वे संस्थाएं मजबूत हो रहीं हैं, देश मजबूत हो रहा है। लेकिन विपक्ष के लाेग ऐसे हैं जिन्हें देश के सामर्थ्य, परिश्रम, पराक्रम पर विश्वास नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह अपने तीसरे कार्यकाल में देश को दुनिया में तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत के तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की बात कही तो विपक्ष ने कहा कि यह तो स्वाभाविक रूप से हो जाएगा। इसका मतलब विपक्ष के पास कल्पना करने की शक्ति नहीं रह गयी है। यदि उन्हें देश की शक्ति पर भरोसा होता तो वे पूछते कि कैसे करेंगे, रोडमैप क्या है। लेकिन यदि वे सोचते हैं कि बिना कुछ किये ही हो जाएगा तो इसका मतलब है कि कांग्रेस के पास नीति, ना नीयत, ना विज़न है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भारत कंगाली की कगार पर था। देश की अर्थव्यवस्था 10, 11 एवं 12 नंबर के बीच झूलती रहती थी। आज पांचवे नंबर पर आ गयी है। हम अपने परिश्रम से तीसरे नंबर पर भी पहुंचेंगे। वर्ष 2028 में जब विपक्ष फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएगा तो भारत पहले तीन देशों में से एक होगा। विपक्ष ने शौचालय, जनधन खाते, योग, आयुर्वेद का मखौल उड़ाया। स्टार्ट अप, डिजीटल इंडिया, मेक इन इंडिया, का मज़ाक उड़ाया। वे मानते थे कि पाकिस्तान का आतंकवाद और बातचीत दोनों चलता रहे। उनके पाकिस्तान प्रेम के कारण जम्मू कश्मीर आतंकवाद की आग में सुलगता रहा। उन्हें आम नागरिकों पर नहीं बल्कि हुर्रियत, अलगाववादियों पर भरोसा था। कोई विदेशी एजेंसी कह दे कि भारत किसी कंगाल भुखमरी वाले देश से खराब है तो ये उसे खूब तूल देते थे।
उन्होंने कहा, “इन्हें भारत को बदनाम करने में मजा आता है। इनको भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है। इस देश के लाेगों के मन में विपक्ष के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा है।”