गैरसैंण। विधानसभा सत्र के अंतिम दिन विपक्ष द्वारा आपदा व भ्रष्टाचार के मुद्दों पर नियम 310 के तहत चर्चा कराने की मांग को न माने जाने पर कांग्रेसी विधायकों ने जबरदस्त हंगामा किया। सरकार द्वारा नियम 57 के तहत अपनी बात रखने की बात कही गई जिसे लेकर विपक्ष ने हंगामा किया तथा सदन का बहिष्कार किया। हालांकि संसदीय कार्यमंत्री द्वारा स्पीकर से विपक्ष को समय देने की अपील की गई तो विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने विपक्ष को 30 मिनट का समय चर्चा के लिए दिया लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं दिखा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग जनता के सवालों से डर कर भाग रहे हैं। वह नहीं चाहते हैं कि उनसे भ्रष्टाचार और आपदा जैसे मुद्दों पर कोई सवाल किया जाए।
प्रश्नकाल के बाद नेता विपक्ष ने स्पीकर से नियम 310 के तहत आपदा पर चर्चा कराने की मांग की थी जिसे स्पीकर ने अस्वीकार करते हुए नियम 57 के तहत अपनी बात रखने को कहा गया। जिस पर विपक्ष ने हंगामा किया और सदन से वाकआउट किया। नेता विपक्ष ने 30 मिनट का समय मिलने पर सदन में अपनी बात रखते हुए मानसून काल में आपदा प्रभावित टिहरी के घनसाली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल एवं पिथौरागढ़, उत्तरकाशी तमाम जगहों की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि लोग मर रहे हैं, घरकृमकान तबाह हो रही है खेतीकृबाड़ी खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार क्या कर रही है सिर्फ आपदा के बाद प्रभावितों की मदद। उन्होंने कहा कि आपदा के नुकसान को कम करने व प्रभावितों को भरपूर मदद मिले इसके लिए सरकार कुछ नहीं करती। उन्होंने कहा कि क्या एक लाख तीस हजार रूपये में किसी का घर बन सकता है। कृषि भूमि का मुआवजा 85 रूपये नाली दिया जाता है। अगर केंद्र सरकार के यही मानक है तो क्या सरकार ने इन मानकों को बदलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है या फिर क्या राज्य सरकार ने अपने स्तर पर कुछ राहत राशि बढ़ाई है?
उधर प्रश्नकाल के दौरान धारचूला के विधायक हरीश धामी ने स्कूल-कॉलेजों में शिक्षकों की कमी के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री धन सिंह को घेरते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के 200 शिक्षक नीचे बुला लिए गए और पूरे जिले के लिए अब 36 टीचर देने की बात कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री को गेस्ट टीचरों का वेतन 15000 से 25000 करने के मुद्दे पर जमकर सुनाई कि राज्य में पिछली सरकार भी भाजपा की थी तब यह वृद्धि क्यों नहीं की गई अब कांग्रेस को कैसे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।