उत्तराखंड की ट्विंकल डोगरा की कहानी एक अद्भुत संघर्ष और इंसानियत की मिसाल पेश करती है। 2014 में एक दर्दनाक हादसे में ट्विंकल अपनी दोनों हाथों से हाथ धो बैठी थीं, जब वह बिजली के तार की चपेट में आ गईं। इस हादसे के बाद डॉक्टरों को उनकी दोनों हाथों को काटना पड़ा और उनका जीवन एक अंधेरे साये में ढक गया था।
लेकिन साल 2024 में ट्विंकल की जिंदगी में एक चमत्कारी मोड़ आया। एक परिवार, जिसने अपने प्रियजन को खो दिया था और उन्होंने अंगदान का निर्णय लिया और ट्विंकल को नया जीवन देने का अद्वितीय कदम उठाया।
ट्विंकल के लिए यह अवसर किसी चमत्कार से कम नहीं था। डॉक्टर्स की विशेषज्ञता और अंगदान के माध्यम से ट्विंकल को दोनों हाथों का ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया। आज ट्विंकल की आंखों में पहले जैसी खुशी की झलक दिखने लगी है और उनके जीवन में उम्मीद की नई किरण आई है।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि इंसानियत और उम्मीद कभी खत्म नहीं होती। उत्तराखंड के ऋषिकेश में एम्स में एक पीएचडी स्कॉलर के रूप में ट्विंकल अपने जीवन के नए सपने संजो रही थीं लेकिन एक दुर्घटना ने उसकी पूरी दुनिया बदल दी। हालाँकि अब ट्विंकल के लिए एक नई शुरुआत हो रही है और उनकी जिंदगी में उजाला लौटा है।
यह घटना अंगदान की महिमा और डॉक्टरों की कुशलता को दर्शाती है जिसने ट्विंकल को एक नई जिंदगी दी। अब उनकी आँखों से गम के बादल छंटने लगे हैं और जीवन को जीने की नयी उम्मीद और उत्साह के साथ वह आगे बढ़ रही हैं।