रुद्रप्रयाग। द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में मोरखंडा नदी पर बना लकड़ी का अस्थायी पुल नदी की तेज धाराओं में समा गया है। केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के अनुसार मदमहेश्वर धाम में लगभग 100 तीर्थ यात्रियों सहित स्थानीय व्यापारी फंस गये। मदमहेश्वर घाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से मोरखंडा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है।
अभी तक 51 लोगों का रेस्क्यू हो गया है। जिसमें 27 यूपी, 8 दिल्ली, दो आंध्र प्रदेश, एक-एक तेलांगना और गुजरात के यात्रियों के अलावा 12 स्थानीय और उत्तराखंड के अन्य हिस्सों के यात्रियों का सफल रेस्क्यू हो गया है। अन्य यात्रियों का रेस्क्यू भी लगातार जारी है, जो जल्द ही पूर्ण हो जाएगा। बता दें कि विगत वर्ष 14 अगस्त 2023 को मोरखंडा नदी में 70 के दशक में बना लोहे का गार्डर पुल मोरखंडा नदी की तेज धाराओं में समा गया था। प्रशासन द्वारा मदमहेश्वर धाम में फंसे 500 से ज्यादा तीर्थ यात्रियों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर रांसी गांव पहुंचाया था। लोहे के गार्डर पुल के मोरखंडा नदी की तेज धाराओं में समाने के बाद लोक निर्माण विभाग ने मोरखंडा नदी पर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाकर आवाजाही शुरू की थी।
लेकिन बीती रात्रि को मोरखंडा नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि होने से लकड़ी का अस्थायी पुल मोरखंडा नदी की तेज धाराओं में समाने से तीर्थ यात्रियों व ग्रामीणों की आवाजाही पूर्णतया ठप हो गयी है। प्रधान गौण्डार बीर सिंह पंवार ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा शासन- प्रशासन से ट्राली लगाने की मांग की जा रही थी, लेकिन आज तक ट्राली नहीं लगाई गई है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार भट्ट ने बताया कि बनातोली में अस्थायी पुल बहने की सूचना प्राप्त हुई है। शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से मदमहेश्वर धाम के लिए आवाजाही सुचारू करनी की सामूहिक पहल की जाएगी।
अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि सुबह घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी के निर्देशन में एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस बल सहित जिला प्रशासन की टीमों को मौके पर रवाना किया गया। जिलाधिकारी स्वयं मौके पर पूरे रेस्क्यू की निगरानी कर रहे हैं। यात्रा मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं के सफल रेस्क्यू के लिए नानूचट्टी में स्थानीय लोगों की सहायता से वैकल्पिक हेलीपैड बनकर तैयार हो गया है, ताकि त्वरित रेस्क्यू किया जा सके। यात्रा मार्ग पर फंसे सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं। वहीं क्षतिग्रस्त पुल को दुरुस्त करने के लिए भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अगर मार्ग पर फंसे किसी श्रद्धालु के परिजन उनसे संपर्क करना चाहते हैं तो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।