राज्य बचाने के लिए संघर्ष समिति से जुड़े लोगः नरेंद्र सिंह नेगी

देहरादून। मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने संयोजक मोहित डिमरी के साथ उत्तराखंड की संस्कृति के ध्वजवाहक और हृदय सम्राट नरेन्द्र सिंह नेगी से उनके निवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस मौके पर संघर्ष समिति ने स्वाभिमान आंदोलन की रणनीति को लेकर उनसे चर्चा की। समिति के पदाधिकारियों ने नेगी जी का आशीर्वाद लेते हुए उन्हें अपनी प्रेरणा मानते हुए उनके दिखाए गए आदर्श एवं संघर्ष के रास्ते पर चलने का संकल्प दोहराया। समिति ने कहा कि आपकी ही प्रेरणा से इस आंदोलन को बल मिल रहा है। आगे भी आपके आशीर्वाद से हम मूल निवास और सशक्त भू-कानून लागू होने तक इस आंदोलन को अनवरत जारी रखेंगे।

इस मौके पर उत्तराखंड के गौरव नरेंद्र सिंह नेगी ने उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की और संघर्ष समिति द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन की सराहना की। उन्होंने आंदोलन को पूर्ण समर्थन देते हुए उत्तराखंड की जनता से संघर्ष समिति से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य बचाने के लिए मूल निवास 1950, मजबूत भू-कानून का लागू होना और स्थायी राजधानी गैरसैंण का बनना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य बनने के 24 वर्षों में भी जनता के आकांक्षाएं एवं सपने अधूरे हैं। राज्य बचाने और इसकी अवधारणा साकार करने के लिए जनता को संघर्ष का रास्ता अपनाना ही होगा।

इस मौके पर संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी, महासचिव प्रांजल नौडियाल, कोर मेंबर पंकज उनियाल, कपिल रावत, आशीष नौटियाल, राकेश नेगी आदि मौजूद थे।

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