ऋषिकेश। कूड़ा निस्तारण एवं प्रोसेसिंग प्लांट के विरोध में बुधवार सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में लोग नगर निगम में आ धमके। करीब चार घंटे से अधिक समय तक लोगों ने नगर निगम को घेरे रखा। नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। भारी भीड़ के चलते नगर निगम अधिकारियों के होश उड़ गये। अपराह्न तीन बजे नगर आयुक्त के कार्य शुरू न करने का भरोसा दिलाने के बाद आंदोलनकारी माने। चेताया कि नगर निगम ने उनकी मांग की अनदेखी की तो वह उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
बुधवार सुबह 11 बजे गुमानीवाला, अमिग्राम क्षेत्र से बड़ी तादाद में लोग बसों, ट्रैक्टर ट्रॉलियों और प्राइवेट वाहनों से ऋषिकेश नगर निगम कार्यालय पहुंचे और निगम को घेर लिया। नगर निगम अधिकारियों ने आनन-फानन में पुलिस प्रशासन को सूचित किया गया। माइक और लाउडस्पीकर लिए पहुंचे लोगों ने ऋषिकेश नगर निगम और मेयर के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। उसके बाद वे निगम के प्रशासनिक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। वक्ताओं ने मेयर पर गंभीर आरोप लगाये। कहा कि क्षेत्रवासी लंबे समय से कूड़ा निस्तारण स्थल का विरोध कर रहे है। लेकिन उनकी मांग की अनदेखी कर जबरन प्लांट लगाने का प्रयास हो रहा है। यदि निगम प्रशासन प्लांट को लेकर गंभीर होता तो पहले उनकी समस्या का निस्तारण करता।
आंदोलनकारी विजया नौटियाल ने कहा कि सालभर बीतने पर भी मेयर ने आंदोलनरत क्षेत्रवासियों की सुध तक नहीं ली। मानवेन्द्र कंडारी ने कहा कि क्षेत्र में कूड़ा डालने से बीमारियां क्षेत्र में फैलेंगी। यदि नेता जनता के हितों के विरुद्ध काम करेंगे तो आने वाले चुनाव में इन्हें मुंह की खानी पड़ेगी। रंजीत थापा ने कहा कि निगम इस मुद्दे को शहर बनाम गांव करना चाहता है। जिससे क्षेत्रवासी आपस में ही लड़े और असल मुद्दे से भटक जाएं। ग्राम प्रधान दीपिका व्यास ने कहा कि यह मुद्दा राजनीति से ऊपर है। क्षेत्र के लोग अपने घरों में बीमारियां नहीं चाहते। पुरूषोत्तम बडोनी ने कहा कि यदि निगम अपने इस प्रस्ताव को वापस नहीं लेगा तो क्षेत्रवासी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। अपराह्नन करीब तीन बजे नगर निगम आयुक्त मौके पर पहुंचे और लालपानी बीट में कूड़ा निस्तारण प्लांट न बनाने का भरोसा आंदोलनकारियों को दिलाया। इसके बाद लोग अपने घरों को लौटे।
विरोध करने वालों में पार्षद विजेन्द्र रमोला, वीरेन्द्र मोगा, रीना रांगड़, पूजा थापा, नत्थीलाल सेमवाल, राजू, रूकमा,रमजान,राजमती रावत,विजयंती, रूपमा देवी, बसंती देवी, आलोकी देवी, नीलम देवी, वीरांगना देवी, तुलसी देवी समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।