देहरादून। उत्तराखंड सरकार प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की कवायद में जुटी हुई है। इसी क्रम में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अब उत्तराखंड की कुछ मुख्य सड़कों को पीपीपी मोड यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप पर संचालित करने का निर्णय लिया है।
इस योजना के तहत प्राइवेट कंपनी न सिर्फ रोड का निर्माण करेगी, बल्कि अगले 25 सालों तक उस रोड का मेंटेनेंस भी करेगी। जिससे सरकार को सड़क बनाने और उसे मेंटेन करने के लिए धनराशि खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहले चरण में प्रदेश की तीन सड़कों को पीपीपी मोड पर संचालित करने पर विभाग काम कर रहा है।
लोक निर्माण विभाग ने फिलहाल तीन सड़कों को चिन्हित किया है, जहां सबसे अधिक ट्रैफिक का दबाव रहता है। इन सड़कों में मुख्य रूप से हरिद्वार जिले में बहादराबाद से भगवानपुर तक पीपीपी मोड पर सड़क का निर्माण करने पर विभाग काम कर रहा है। बहादराबाद से भगवानपुर तक सड़क तैयार होने से रोशनाबाद से आने वाले बड़े कमर्शियल वाहन इस हाईवे के जरिए भगवानपुर से होकर यूपी, पंजाब और हरियाणा आसानी से निकल जाएंगे। इससे बहादराबाद से भगवानपुर तक मौजूद सड़क पर ट्रैफिक दबाव कम हो जाएगा।
इस हाईवे के निर्माण की मुख्य वजह यही है कि कमर्शियल गाड़ियों को एक अलग प्लेटफार्म दिया जा सके, जिससे सामान्य आने जाने वाले लोगों को जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। इसके अलावा आप उधमसिंह नगर जिले में बाजपुर दोराहे से कालाढूंगी होते हुए रामनगर बॉर्डर तक पीपीपी मोड पर सड़क बनाने की तैयारी कर रही है।
इसके साथ ही नैनीताल जिले में रामनगर से कालाढूंगी-हल्द्वानी-चोर गलियां-सितारगंज से बीजती (यूपी बॉर्डर) तक हाईवे तैयार किया जाएगा, जो फोर लेन का होगा, इस पर भी विभाग कम कर रहा है। रामनगर से बीजती (यूपी बॉर्डर) तक फोरलेन हाईवे बनने का फायदा न सिर्फ स्थानीय लोगों को मिलेगा, बल्कि कुमाऊं के पहाड़ी जिलों में जाने वाले यात्रियों को भी काफी सहूलियत मिलेगी।
फिलहाल पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से लिए गए निर्णय के अनुसार सड़क निर्माण के लिए जमीनों का अधिग्रहण सरकार करेगी, फिर सड़क निर्माण का कार्य प्राइवेट कंपनी को दिया जाएगा, जो सड़क का निर्माण करेगी। साथ ही अगले 25 सालों तक सड़क को मेंटेन भी करेगी।
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए पीडब्ल्यूडी सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि उनकी मुलाकात केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से हुई थी। उस दौरान केंद्रीय मंत्री ने ये सुझाव दिया था कि प्रदेश की जो बड़ी और महत्वपूर्ण सड़कें हैं, उसको पीपीपी मोड पर संचालित किया जाए। इससे फायदा ये होगा कि सरकार को पैसा इन्वेस्ट नहीं करना पड़ेगा, साथ ही संबंधित कंपनी ही सड़क का मेंटेनेंस करेगी। इसके अलावा एक नई व्यवस्था भी इससे शुरू हो जाएगी। ऐसे में लोक निर्माण विभाग में चार सड़कें चिन्हित की हैं, जिन पर अध्ययन चल रहा है। साथ ही कहा कि अभी इसको लेकर फाइनल निर्णय नहीं लिया गया है, क्योंकि इसका निर्णय पीडब्ल्यूडी मंत्री और मुख्यमंत्री को लेना है। फ़िलहाल विभाग अपनी तैयारी कर रहा है।