डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंकों के टर्नओवर में वृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाएंः सहकारिता मंत्री

कोटद्वार। सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंकों का कोटद्वार से निरीक्षण तथा समीक्षा बैठक की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्या सहकारी बैंकों की स्थिति का विश्लेषण कर उन्हें बेहतर दिशा में ले जाना है। डॉ. रावत ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे कोऑपरेटिव बैंकों को ऊँचाइयों तक पहुंचाने के लिए कार्य करें। मंत्री डॉ. रावत ने जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, (गढ़वाल) कोटद्वार की समीक्षा बैठक में निर्देश दे रहे थे।

समीक्षा बैठक में, डॉ. रावत ने बैंक के प्रदर्शन के महत्व को रेखांकित किया, विशेष रूप से जमा, ऋण वितरण और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के प्रबंधन के महत्वपूर्ण मापदंडों पर ध्यान केंद्रित किया। मंत्री ने एक स्पष्ट निर्देश दियारू जमा और ऋण वितरण दोनों के लिए 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करना आवश्यक है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य बैंक को अपनी परिचालन क्षमता का विस्तार करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रभावी ढंग से समर्थन देने में सक्षम बनाता है।

मंत्री डॉ. रावत ने निर्देश दिए कि डिपॉजिट और ऋण वितरण के शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किए जाएं। ग्रास एनपीए को 5 प्रतिशत के मानक से नीचे लाने के लिए रणनीति बनाई जाए और उसे अमल में लाया जाए। 20 बड़े बकायेदारों के खिलाफ वसूली अभियान चलाया जाए और विधिक कार्यवाही की जाए। बैंक का टर्नओवर बढ़ाया जाए जिससे लाभप्रदता में वृद्धि आए।
डॉ. रावत ने लाभप्रदता बढ़ाने के लिए बैंक के टर्नओवर को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने विस्तार से बताया कि शाखा प्रबंधकों और कर्मचारियों के लिए मासिक प्रदर्शन लक्ष्यों को लागू करना कर्मचारियों को प्रेरित करने और परिणाम-उन्मुख कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, बायोमेट्रिक उपस्थिति की शुरूआत जवाबदेही सुनिश्चित करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक कदम है। सत्र का एक और आधार मंत्री डॉ रावत द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने का निर्देश था, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में। नाबार्ड द्वारा प्रायोजित ये सेमिनार स्थानीय लोगों को सुदृढ़ वित्तीय प्रथाओं के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

इन पहलों में मंत्री की व्यक्तिगत भागीदारी लोगों के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने और सहकारी बैंकिंग के साथ सार्वजनिक जुड़ाव बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके अलावा, डॉ. रावत ने घाटे में चल रही सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने इन समितियों को लाभदायक संस्थाओं में बदलने के लिए केंद्रित प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाय, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक कोटद्वार की लाभप्रदता हासिल नहीं की जा सकती है, तो इन शाखाओं के भविष्य के बारे में कठिन निर्णय लिए जाने चाहिए।  समितियों के लिए स्वामित्व वाली भूमि पर भवन बनाने का सुझाव, साथ ही बैंक शाखाओं को वहाँ स्थानांतरित करना, लोगों की वित्तीय क्षमताओं को मजबूत करने के लिए निर्देश दिए गए।

समीक्षा बैठक में जिला सहायक निबंधक पौड़ी पान सिंह राणा, महाप्रबंधक संजय रावत, डीजीएम, एडीसीओ, सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *