देहरादून। भाजपा ने एनडीए सरकार की कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन की बड़ी सौगात के लिए आभार व्यक्त किया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने अंतिम सैलरी के 50 फीसदी पेंशन देने के निर्णय को लाखों कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला बताया। साथ ही सभी पक्षों से खुले मन से राष्ट्रहित में इसे स्वीकारते हुए किसी भी प्रकार के राजनैतिक दुराग्रहों से बचने की अपील की है। मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक कैबिनेट निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि 2004 से लागू न्यू पेंशन स्कीम को लेकर बहुत से कर्मचारियों को आपत्ति थी। जिसको दूर करने के लिए सरकार गंभीर से विचार कर रही थी । कर्मियों की चिंता और देश कीअर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामंजस्य बिठाते हुए अब केंद्रीय कैबिनेट में यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है। एक अप्रैल 2025 से लागू होने वाली इस इस यूपीएस योजना से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा सीधा फायदा होगा।
यहां सभी जानकार और विशेषज्ञ लोगों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है जिन्हे जिम्मेदारी से इस स्कीम की बारीकियों को आगे साझा करना है। अब सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5: कॉन्ट्रिब्यूट करेगी। कर्मचारी के 10 प्रतिशत हिस्से में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन एनपीएस की तरह इसे बाजार के भरोसे न छोड़कर इसमें फिक्स पेंशन की एश्योरटी दी गई है, जो अंतिम सैलरी के 50 फीसदी होगी। जिसके लिए न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा देनी होगी। जिससे हम कह सकते हैं कि न्च्ै में व्च्ै और छच्ै दोनों के लाभ शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि यहां गौरतलब है, छच्ै के तहत 2004 से अब तक रिटायर हो चुके और अब से मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा। जो पैसा उन्हें पहले मिल चुका है या वे फंड से निकाल चुके हैं, उससे एडजस्ट करने के बाद भुगतान किया जाएगा। कर्मचारी हित में केंद्र सरकार की तरफ से बढ़ाए गए कॉन्ट्रिब्यूशन से पहले साल 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा, जो साल दर साल बढ़ता भी रहेगा। लंबे समय से कर्मचारियों के एक तबके की चली आ रही मांगों पर संवेदनशीलता दिखाते हुए एनडीए सरकार ने यह ऐतिहासिक कदम उठाया है। जिसके लिए सभी प्रदेशवासी पीएम मोदी का इस साहसिक निर्णय के लिए आभार व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने समाज के सभी पक्षों विशेषकर राजनैतिक दलों से अपील की है कि खुले मन से राष्ट्रहित में इस स्कीम को स्वीकारें।