उत्तरकाशी। भटवाड़ी के बगोरी गांव में पौराणिक पांडव नृत्य का भव्य आयोजन किया गया। पांच दिवसीय पांडव नृत्य के दौरान देव पश्वाओं का नृत्य मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। इस दौरान पांडव लीला को देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ रही।
पौराणिक प्रथानुसार बगोरी गांव में हर साल पौणाणिक पांडव पूजा एवं पाण्डव नृत्य का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है। बगोरी की प्रधान सरिता रावत तथा पूर्व प्रधान भवान सिंह ने बताया कि ग्रामीण पहले अपने पैतृक ग्राम सीमान्त नेलांग, जादूंग में पांडव लीला का आयोजन करते थे, लेकिन 1962 भारत चीन युद्ध के दौरान नेलांग, जादूंग के ग्रामीणों को अपने मूल गांव से हटा दिया गया था। पांडव लीला की प्रथा को जीवित रखते हुए अब बगोरी, नेलांग और जादूंग के ग्रामीण साथ में मिलकर बगोरी गांव में पांडव थात में पाण्डव लीला का आयोजन करते आ रहे हैं।
पांच दिवसीय पांडव लीला कार्यक्रम का समापन मंगलवार विजयदशमी पर विधिवत देवी देवताओं की पूजा अर्चना के साथ संपन्न होगा। इस मौके पर भवान सिंह, नारायण सिंह नेगी, जसपाल रावत, योगराम नेगी आदि थे।