देहरादून। कार्तिक शुक्ल अष्टमी के पावन अवसर पर, विश्व हिन्दू परिषद द्वारा गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन हसनपुर स्थित कृष्णा धाम गौशाला में भव्यता और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर गौ-पूजन के लिए भारी संख्या में गौ भक्त श्रद्धालु उपस्थित हुए, जिन्होंने गाय माता का भक्ति भाव से पूजन किया।
इस महोत्सव में गौ सेवकों द्वारा 40 कुंतल अन्न का तुला दान किया गया, और भजनों का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम की प्रस्तावना विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारी जय प्रकाश गर्ग किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोम दत्त शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में गौ-रक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि गौ-रक्षा एक धार्मिक कर्तव्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। मुख्य वक्ता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संपर्क प्रमुख विशाल जिंदल ने गौ-सेवा और समाज के प्रति इसकी जिम्मेदारी पर जोर दिया, और इसे भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बताया। कार्यक्रम अध्यक्ष अरुण शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, किसान यूनियन संस्था ने गौ-पालन और भारतीय किसानों के गहरे संबंध पर अपने विचार रखे।
संस्था के संस्थापक आशु अरोड़ा ने बताया कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गौ-चरणी शुरू की थी और गायों में 33 कोटि देवताओं का वास मानते हुए उनका पूजन किया था। इस अवसर पर मान्यता है कि जो व्यक्ति गाय की सेवा करता है, उसका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है। महोत्सव में कृष्णा धाम गौशाला में गायों और उनके बछड़ों को अल सुबह स्नान कराकर सजाया गया। समिति के सदस्यों ने गायों का श्रृंगार किया और उन्हें हरा चारा, सब्जी, चौकर, और गुड़ का भोग अर्पित किया। कार्यक्रम में गौपालकों का सम्मान भी किया गया।
मुख्य रूप से उपस्थित विभाग मंत्री आलोक सिंन्हा, प्रांत सह धर्म प्रसार प्रमुख राजेंद्र राजपूत विभाग संयोजक अमन स्वेडिया, जिला अध्यक्ष अनिल मेसौन, उपाध्यक्ष विशाल त्यागीकार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री अनुज कुमार वर्मा ने किया, और संस्थापक के रूप में मिली कौर, आशु अरोड़ा, अमित पाल, और भूपी चौधरी ने अपने विचार साझा किए। मिली कौर ने कहा कि गौ-सेवा और रक्षण के माध्यम से समाज में संस्कृति के प्रति जागरूकता और समाज को सशक्त बनाने का संदेश फैल रहा है।