पर्यटन आवास गृहों के निजीकरण के विरोध में आंदोलन की चेतावनी

देहरादून। जीएमवीएन और केएमवीएन के पर्यटक आवास गृहों के निजीकरण का विरोध तेज हो गया है। संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन सौंप निजीकरण पर एतराज जताया। दोनों निगमों का एकीकरण कर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) में विलय किए जाने की मांग की।

डालनवाला स्थित पर्यटन मंत्री के आवास पर ज्ञापन देते हुए महासंघ पदाधिकारियों ने कहा कि कर्मचारियों के प्रयास से ही पर्यटक आवास गृह मुनाफे में हैं। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने का काम भी निगमों के कर्मचारियों ने ही किया है। इसी के बाद पहाड़ों पर निजी होटल, होम स्टे, रिजॉर्ट खुले। अब जब निगमों के गेस्ट हाउस स्थापित हो चुके हैं, तो उन्हें निजी हाथों में देने का कोई मतलब नहीं है। बेहतर यही है कि सरकार दोनों निगमों का एकीकरण करे। इसे लेकर पूर्व में जो आश्वासन दिए गए हैं, उन्हें पूरा किया जाए। कहा कि निगम में कार्यरत कर्मचारियों क नियमितीकरण किया जाए। कर्मचारियों की वर्षों से लंबित एसीपी की समस्या का समाधान करते हुए लाभ दिया जाए। कहा कि इसके बाद भी सरकार ने निजीकरण के फैसले पर पुर्नविचार न किया, तो आंदोलन तय है।

ज्ञापन देने वालों में कर्मचारी संगठन अध्यक्ष राजेश रमोला, कर्मचारी संघ अध्यक्ष मनमोहन चौधरी, मैनेजर एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ बेंजवाल, अजयकांत शर्मा, सुशील पंवार, ताजबर सिंह झिक्वांण, रणजीत सिंह रावत मौजूद रहे।

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